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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

सौ साल पुराना.....छुपा खजाना ... गंगऊ बाँध और रंगवान बाँध (RANGUWAN DAM & GANGAU DAM) PART-1

आज कल हम घुमक्कड़ो के वाट्सअप ग्रुप में  सुशील जी के शुरू करे घुमक्क्डी के छुपा खजाने की चर्चा बड़े जोर पर चल रही है इसी दौरान एक दिन चर्चा की जिम्मेवारी मुझे भी सौंपी गयी और उसी में मुझे इस जगह की याद आई सो मैंने भी अपनी हार्ड डिस्क टटोली और लगा देखने पुरानी फोटो को बस फिर क्या था समय मानो उल्टा दौड़ने लगा और हर फोटो के साथ बिता पल और यादें एक दम ताज़ा होती चली गयी। लगा जैसे आज कल की बात हो ! 

चलिए खैर, अब चलते है अपने छुपे खजाने को खोजने। 

विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो और पन्ना टाइगर रिज़र्व का नाम तो यहाँ सब ने सुना ही होगा और और बहुतो ने तो देखा ही होगा   क्यूँ ???

लेकिन उन्ही विस्व प्रसिद्द स्थल के बीच में दोनों और से लगभग ४५-५० किलोमीटर दूर एक बहुत ही अध्भुत, विशाल, और सौ साल से भी पुराना एक डैम है शायद यहाँ हमारे मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड वाले  मित्र जानते होंगे

अपने एक मित्र के साथ खजुराहो घूमने के प्रोगाम बनाने के दौरान मुझे उस डैम के बारे में पता चला मुझे अब खुद भी याद नहीं के कहाँ से मुझे उस डैम के बारे में पता चला था लेकिन देखने की इच्छा बहुत थी।  
सो खजुराहो से सतना लौटते हुए मैंने अपने बोलेरो के ड्राइवर से कहाँ .... भाई , यहाँ आस पास एक बहुत पुराना डैम है वहां भी जाना है।  लेकिन वो भाई बोला ,  जी मुझे तो ऐसा कुछ मालुम नहीं , हाँ पन्ना में मेरा एक रिश्तेदार मित्र है उसे ले लेते है वो शायद कुछ  बता सके। 

चलिए उन महाशय को भी ले लिया।  लेकिन ड्राइवर भाई और उसका वो साथी वहां के लोकल होने के बावजूद भी उसके बारेमे कुछ न जानते थे .. लेकिन ऐसी स्थिति में ही है जो घुमक्क्डी कीड़ा मानता नहीं, और उस कीड़े को पता होता है कैसे पहुचना होताहै सो वोआप सब जानते ही है और हम भी उसी कीड़े के काटने की कारण पूछते पाछते बढ़ चले। 

 खैर जी राष्ट्रीय राजमार्ग ७५ ( रीवा से ग्वालियर ) पर खजुराहो से पन्ना की और बीच में कहीं बमीठा से आगे सीधे हाथ पर आप जब ये बोर्ड देखोगे तो एक बार तो चकित हो ही जाओगे  यहाँ आज भी दूरी मीलों में लिखी मिलेगी एक बार जरा निचे फोटो में ये बोर्ड देखिये और बताइये आपने ये दोनों नाम सुने है या ये जगह देखी  है कभी ?

आज  भी दूरी मील में लिखी है 






जी हाँ  सही पढ़ा आपने ...
रनगवां  बाँध ६ मील
गंगऊ बाँध १२ मील
पूछते पूछते हाइवे से हटकर एक छोटे से गाँव में पहुंचे। वाहन लोगो ने एक कच्ची बानी सड़क की और इशारा कर हमें रास्ता दिखा दिया।  कच्ची सड़क पर जब बोलेरो दौड़ रही थी तो उसके बाए हाथ एक शानदार नजारा था।  पहले पहल तो वो लगा के कोई समुद्र का किनारा हो।  लेकिन होश में आते हुए ध्यान दिया के, ना  भाई न ...... ये तो कोई झील है

पास पहुंचे तो देखकर मज़ा आ गया था! पर एक छोटी सी निराशा भी। . कयूंकूि ये भी वो बाँध न था जिसे हम ढूंढ रहे थे।  ये था रनगवां बाँध ..... 

लेकिन था ये भी शानदार नज़ारे लिए 


रनगवां बाँध और इसके लेफ्ट साइड में झील है 



ये रही रनगवांबाँध के पीछे झील झील....... मानो  समुद्र हो 


केन नदी पर बने रनगवां बाँध से यूपी और एमपी के किसानों को पानी सप्लाई होती है। रंगवा बांध का निर्माण वर्ष 1957 में कराया गया था। इस बांध में मात्र तीन फाटक हैं और बांध की परिकल्पित क्षमता 1637.3 लाख घनमीटर हैं।  रनगवां बाँध पहुचने पर आपको एक अजीब सी शांति का आभास होगा। बाँध से बनी  झील इतनी विशाल है के ऐसा लगेगा के किसी समुद्र के किनारे खड़े हो........  दूर तक बस पानी ही पानी ... और उसके साथ साथ एक कच्ची सड़क जिस पर होकर हमारी गाडी आई थी ..  



रनगवां बाँध के सामने का नजारा। .वो गया। .पानी 
सड़क और रोड के साथ साथ रनगवां झील का नज़ारा 
डैम तक आती कच्ची सड़क, दीवार और उसके पीछे रनगवांझील 
एक फोटो तो अपनी भी बनती थी इस शानदार रनगवांझील के किनारे  .... 



रनगवां बाँध की शांति और खूबसूरती के नजरो को देख और कमरे में कैद कर हम वापिस गाँव में पहुंच गंगऊ  डैम के पूछ ताछ करने लगे।   ताजुब इस बात का था इतना पास होते हुए भी बहुत कम लोग होंगे जो जो उसके  जानते थे। पूछ ताछ कर अब और आगे पन्ना टाइगर रिजर्व को और बढ़ रहे थे। 
क्यूंकि पता चला के वहां  से लगभग ६ मील आगे पन्ना टाइगर रिज़र्व की धोधन रेंज में गंगऊ डैम पंहुचा जाएगा। 


पन्ना टाइगर रिजर्व के होकर गंगऊ  डैम की और जाता रास्ता 

चलिए चलते है अपने सौ साल पुराने गंगऊ डैम की और......... लेकिन अगले भाग में.... 





















5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छे पंकज जी..... अच्छी जानकारी फोटो के साथ एक नये स्थल के बारे में

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