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रविवार, 29 अप्रैल 2012

एक अच्छे घुमक्कड़ के गुण....

एक अच्छे घुमक्कड़ के गुण....



सबसे पहले तो आप सब को मेरा नमस्कार !!! वैसे तो मै काफी घुमक्कड़ किस्म का आदमी हूँ , और यही एक कारण रहा के मेरी ग्रेजुएशन में भी मेरा पाठ्यक्रम पर्यटन एवम यात्रा प्रबंधन ( Tourism & Travel Management ) रहा ! 
परिस्थितियों वश मै अपना करियर तो इसमें न बना पाया, लेकिन मेरे अंदर का वो कीड़ा कभी मरा नहीं! यही कारण रहा की मै अपने आप से जितना बन पड़ता था घूमता और अपनी घुमक्कड़ शुधा को शांत कर लेता ! लेकिन आप सब तो यह जानते ही हो के एक पक्का और सच्चा घुमक्कड़ कभी शांत कहाँ बैठता है ........सो यही सब करते करते ना जाने किनते अखबार, किताबे और ब्लॉग छानता रहता हूँ ,

काफी दिनों से मन में विचार चलता रहा के मै भी अपना एक त्रवेल ब्लॉग शुरू करू, इसी जद्दोजहद में आज आखिर कुछ लिखने की हिम्मत और समय जुटा पाया, फिर सोचा अंग्रेजी में तो बहुत ज्यादा और काफी अच्छे अच्छे ब्लॉग है क्यों न अपनी देसी भाषा का प्रयोग किया जाए ! आप लोगो को यकीं न होगा किन्तु हिंदी ब्लॉग लिखना अंग्रेजी से काफी मुश्किल है यह मुझे इन चार पांच लाइनों को लिखकर पता चल गया,  फिर जब लिखने बैठा तो काफी देर सोचता रहा के कहाँ से शुरू करूँ? किसी धार्मिक स्थल की यात्रा से , किसी पहाड़ी मुकाम से या किसी इतिहास की ईमारत से .....?


 यही सोचते -सोचते  विचार आया के वो सब तो मै कभी न कभी आप सब से साझा करूँगा ही , क्यूँ  न आज आप सब लोगो से अपनी और अपने जैसे घुमक्कड़ो को अपनी यात्रा का ज्यादा से ज्यादा मजा लेने के गुण सीख लिए जाए और एक अच्छा घुमक्कड़ होने के क्या गुण होने चाहिये! यही से शुरू किया जाए ............
अलग-अलग देशो और स्थानों के लिए यात्रा करना , दूसरों की महान संस्कृति को जानना, किसी भी घुमक्कड़ traveller  के लिए एक नये और सुखद अहसास से कम नहीं. लेकिन कई बार यही अहसास सुखद न होकर, हाथ में चुभे किसी कांटे के तरह लग सकता है ! कारण कई हो सकते है  जैसे की स्थान, नक्शा, खानपान तथा  भाषा का ज्ञान न होना आदि !
ऐसे में भाषा तो काफी बड़ी बाधा हो सकती है. लेकिन फिर एक अच्छा यात्री अपनी सुझबुझ और गुणों से  इन बाधाओं को पार कर सकता हैं आपको क्या लगता है ?
एक अच्छे  ट्रैवेलर्स के क्या गुण होने चाहिये ताकि वो ऐसी बाधाओ को आसानी से पार कर अपने सफ़र का सम्पूर्ण आनद ले सके......बताइयेगा जरुर!!! ताकि हम आप जैसे घुमक्कड़ उन सब बातो का ध्यान रख, अपने आने वाले सफ़र का भरपूर आनंद उठा सके!!


किसी  ने  बहुत से बहुत ही बढ़िया लिखा है कि....

" मंजिल मिल ही जाएगी भटकते हुए ही सही ............... गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं "

चलिए आप जब तक ये सोचकर बतायें कि एक अच्छे घुमक्कड़ के क्या कुछ खास गुण होने चाहिये....तब तक मै भी कुछ गुण आप लोगो को बता देता हूँ !  जहाँ तक मैंने सोचा और समझा उसके अनुसार निम्नलिखित कुछ गुण या विशेषताएँ है जो एक घुमक्कड़ में होनी चाहिये ....

१.हमेशा एक नयी यात्रा के लिए तैयार
 एक अच्छे घुमक्कड़ को सदैव एक नयी यात्रा के लिए तैयार रहना चाहिये, उसे यह न देखकर के कहाँ? किसके साथ ? कब ? क्यों ? कैसे ? क्यूंकि ये सब सोचना एक आम पर्यटक का काम है .......घुमक्कड़ तो बस चलने को तैयार रहता है, चाहे यात्रा पैदल ही क्यों न हो....क्योंकि वो जानता है के नयी सुबह नयी जगह का मजा ही और है !!

२. समय के लचीले 
घुमक्कड़ समय के बड़े लचीले होते हैं  वो किसी संक्षिप्त अवधि में व्यापक यात्रा की योजनाओ से भरे कार्यक्रम के साथ यात्रा नहीं करते है. क्यूंकि वो जानते है कि किसी नए स्थान की स्थानीय संस्कृति, इतिहास, भोजन, लोगों को और सामान्य वातावरण को सिर्फ देखने और उसे समझकर आनंद उठाने के क्या अंतर है, और इसी आनंद को उठाने के लिये उनका समय का लचीला होना आवश्यक है

३. स्थानीय लोगों के साथ बातचीत.
घुमक्कड़ किसी ट्रवेल एजेंट की अपेक्षा स्थानीय लोगों से पूछना तथा बातचीत करना ज्यादा पसंद करते है! वो जानते है की स्थानीय लोगों को क्या कहना है क्या सुनना है!! वे बच्चों के साथ खेलते हैं, समाज के सभी वर्गों और युगों के लोगों से बातचीत करते है और इसी बातचीत से उन्हें वहां कई यादगार दोस्त और दिलचस्प पहलु देखने और समझने को मिलते है

४.धैर्य एवं अनुकूलन क्षमता   
धैर्य एवं अनुकूलन क्षमता घुमक्कड़ की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है ! जब एक घुमक्कड़ ज्यादातर यात्रा करने के लिए प्रयासरत रहता है और यात्रा करता है,तो संभवत ही कई बार वह उन विषम  परिस्थितियों में जाने और रहने के लिए बाध्य हो जाता हैं, जिन पर घुमक्कड़ व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं है, मसलन के खराब मौसम, उचित सवारी, ठहरने  की व्यवस्था तथा भोजन न मिलना इत्यादि!
परन्तु अपने इसी धर्य से स्वयं की मदद कर अपने आप को उन विषम परिस्थितियों के अनुकूल बनाकर वह उसमे भी आनंद लेकर और अपने लिए नयी यादे संजों लेता है

५. जिम्मेदार और सतर्क 
एक अच्छा घुमक्कड़ यात्रा के दौरान अपनी जिम्मेदारिओं के प्रति सदैव सतर्क रहता है! जैसे के लोगो के रीति-रिवाज़, धार्मिक भावनाओं तथा वहां के नियम कानूनों का धयान रखना इत्यादि, अपनी इसी समझदारी और जिम्मेदारी से वह इन सब बातो का निर्वाह कर यात्रा का सम्पूर्ण आनंद लेता है!!

६.बुनियादी जरूरतों का महत्व 
एक अच्छा घुमक्कड़ किसी भी यात्रा पर जाने से पहले और यात्रा के दौरान सभी बुनियादी जरूरतों को का ध्यान रखता है! जैसे की मौसम के अनुसार कपडे तथा रोजाना इस्तेमाल के वस्तुएं, जरुरी दवाई, नक्शा, कैमरा, बैटरी, छोटा चाक़ू, टोर्च, बरसाती, एवं आवश्यकतानुसार रुपये पैसे! क्यूंकि एक घुमक्कड़ ही नहीं ये आप हम सब भी जानते है के इन सब चीजो के बिना सफ़र कैसा होगा !!

७. प्रकृति एवं विरासत प्रेमी 
अच्छा घुमक्कड़ एक अच्छा प्रकृति एवं विरासत प्रेमी भी होता है  अपने इसी प्रेम के कारण वो रीसायकल स्रोत व् स्थानीय उत्पादनो का इस्तेमाल और पर्यावरण के विकास में संलग्न व्यवसायों के लिए वरीयता देता है! वह पशु पक्षियों को तंग न कर,पेड़ पोधो को नष्ट न कर तथा प्राकृतिक नदी नालो गन्दा न कर उनका सम्मान करते हुए उन्हें अन्य किसी तरह का नुक्सान न पहुंचा कर अपनी यात्रा का सम्पूर्ण आनंद उठाता है इसके विपरीत आजकल बहुत से लोग अपने नाम स्थानीय स्मारकों और पेड़ों पर लिख, उन्हें गन्दा करते और नुक्सान पहुचाते है




13 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी यात्रा लेखकों की बिरादरी में आपका स्वागत है। आपने घुमक्कड़ों के गुण अच्छे तरीके से चिन्हित किए हैं।

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  2. धन्यवाद मनीष जी,
    स्वागत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!!!
    आशा करता हूँ आप इसी तरह समय समय मुझे प्रोह्त्साहित करते रहेंगे!

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  3. ब्लागस्पाट पर आपका स्वागत हैं पंकज जी, आशा हैं की आपके यात्रा अनुभव अब लगातार पढने को मिलते रहेंगे.

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    1. स्वागत के लिए शुक्रिया प्रवीण जी,शीघ्र ही अपने एक यात्रा अनुभव को आप लोगो से साझा करूँगा!!!
      आशा करता हूँ आप सबका प्रेम और टिप्पणियाँ मेरा मार्ग दर्शन करती रहेंगी, धन्यवाद !!!

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  4. VERY GOOD INSE MILE KI NAHIN GHUMMAKARON KE GURU


    http://neerajjaatji.blogspot.in/

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    1. भाई नीरज जी आप के इस ब्लॉग को पढ़ा है काफी अच्छा लिखा है आपने कल्पेश्वर महादेव का यात्रा वृतांत ! मेरी भी बड़ी इच्छा रही है इस स्थान पर जाने के जल्दी ही महादेव के दर्शन करूँगा !!

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  5. पंकज जी स्वागत है आप का ब्लॉग की दुनिया में। आशा है आप हमें अच्छी जगहों की निरंतर सैर करवाते रहेंगे।

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    1. धन्यवाद सुशील जी ... आप मेरी बाकी पोस्ट में भी अन्नू भाई के साथ चकराता घूम सकते है ..

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  6. एक अच्छे घुमक्कड़ के गुणों का काफी अच्छा वर्णन किया है आपने। नवोदित घुमक्कड़ों के लिए काफी उपयोगी।

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    1. शुक्रिया प्रजापति जी .. आपके इन शब्दों से काफी प्रोहत्साहन मिला

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  7. नमस्कार, पंकज भाई। बहुत बढ़िया लिखा है आपने। में भी एक घुमक्कड़ हु and i agree with each and every point you said. बहुत जल्द ही में पूरे भारत के भ्रमड पे निकलने वाला हु। में कोशिश करूँगा की एक अच्छे घुमक्कड़ के ये सब गुढ़ सीख पाउ।

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  8. ब्लागिंग की दुनिया में आपका स्वागत है पंकज भाई, बहुत अच्छी शुरुआत है । आशा करता हूं आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा ।

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