आज कल हम घुमक्कड़ो के वाट्सअप ग्रुप में सुशील जी के शुरू करे घुमक्क्डी के छुपा खजाने की चर्चा बड़े जोर पर चल रही है। इसी दौरान एक दिन चर्चा की जिम्मेवारी मुझे भी सौंपी गयी और उसी में मुझे इस जगह की याद आई। सो मैंने भी अपनी हार्ड डिस्क टटोली और लगा देखने पुरानी फोटो को। बस फिर क्या था समय मानो उल्टा दौड़ने लगा और हर फोटो के साथ बिता पल और यादें एक दम ताज़ा होती चली गयी। लगा जैसे आज कल की बात हो !
चलिए खैर, अब चलते है अपने छुपे खजाने को खोजने।
विश्व पर्यटन स्थल
खजुराहो और पन्ना टाइगर रिज़र्व का नाम तो यहाँ सब ने सुना ही होगा और और बहुतो ने तो देखा ही होगा। क्यूँ
???
लेकिन उन्ही विस्व प्रसिद्द स्थल के बीच में दोनों और से लगभग ४५-५० किलोमीटर दूर एक बहुत ही अध्भुत, विशाल, और सौ साल से भी पुराना एक डैम है। शायद यहाँ हमारे मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड वाले मित्र जानते होंगे।
अपने एक मित्र के साथ खजुराहो घूमने के प्रोगाम बनाने के दौरान मुझे उस डैम के बारे में पता चला। मुझे अब खुद भी याद नहीं के कहाँ से मुझे उस डैम के बारे में पता चला था। लेकिन देखने की इच्छा बहुत थी।
सो खजुराहो से सतना लौटते हुए मैंने अपने बोलेरो के ड्राइवर से कहाँ .... भाई , यहाँ आस पास एक बहुत पुराना डैम है। वहां भी जाना है। लेकिन वो भाई बोला , जी मुझे तो ऐसा कुछ मालुम नहीं , हाँ पन्ना में मेरा एक रिश्तेदार मित्र है उसे ले लेते है वो शायद कुछ बता सके।
चलिए उन महाशय को भी ले लिया। लेकिन ड्राइवर भाई और उसका वो साथी वहां के लोकल होने के बावजूद भी उसके बारेमे कुछ न जानते थे। .. लेकिन ऐसी स्थिति में ही है जो घुमक्क्डी कीड़ा मानता नहीं, और उस कीड़े को पता होता है कैसे पहुचना होताहै। सो वोआप सब जानते ही है और हम भी उसी कीड़े के काटने की कारण पूछते पाछते बढ़ चले।
खैर जी राष्ट्रीय राजमार्ग ७५ ( रीवा से ग्वालियर ) पर खजुराहो से पन्ना की और बीच में कहीं बमीठा से आगे सीधे हाथ पर आप जब ये बोर्ड देखोगे तो एक बार तो चकित हो ही जाओगे यहाँ आज भी दूरी मीलों में लिखी मिलेगी एक बार जरा निचे फोटो में ये बोर्ड देखिये और बताइये आपने ये दोनों नाम सुने है या ये जगह देखी है कभी ?
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आज भी दूरी मील में लिखी है |